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Bundelkhand: Sanskritik Vaibhav (Hindi)

Bundelkhand: Sanskritik Vaibhav (Hindi)

$30.00
Author:Dr Ranjana Mishra
ISBN 13:9789383962402
Year:2016
Subject:Hindi Literature

About the Book

प्राचीन बुन्देलखण्ड में साहित्य और कला दोनों ही उन्नत अवस्था में थे। उस समय की प्रचलित भाषा में ब्रज, बुन्देली और कन्नौजी के साथ ही अवधी और बघेली के शब्दों का बाहुल्य था। बुन्देलखण्ड का प्रसिद्ध नगर ओरछा मध्यकाल में साहित्यिक गतिविधियों का प्रसिद्ध केन्द्र रहा है। हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि तुलसी, केशव, लाल, बिहारी, मतिराम, ठाकुर, पद्माकर आदि हिन्दी साहित्य को बुन्देलखण्ड की ही देन हैं। बुन्देली साहित्य में प्रमुख रूप से भक्ति, वीर और शृंगार रसप्रधान रचनायें मिलती हैं। बुन्देलखण्ड में जहाँ एक ओर बखतबली, लाल छत्रसाल जैसे राष्ट्रीय चेतना को जगाने वाले कवि हुए हैं, वहाँ दूसरी ओर अक्षर-अनन्य जैसे कवि भी हैं, जो निर्गुण काव्य के माध्यम से समाज के रूढ़ और आडम्बरपूर्ण स्वरूप को झकझोरते हैं। बुन्देलखण्ड का साहित्यिक परिवेश भी विभिन्न कालों में बदलता रहा है, किन्तु फिर भी बुन्देली साहित्य को देखकर नि:सन्देह कहा जा सकता है कि बुन्देलखण्ड की साहित्यिक, कलात्मक और सांस्कृतिक परम्परायें भारत के अन्य क्षेत्रों से कहीं अधिक समृद्ध और गौरवपूर्ण हैं।