Dharm, Satta Aur Hinsa
$41.00
Author: | Ram Puniyani |
ISBN 13: | 9788126726714 |
Year: | 2016 |
Subject: | Philosophy and Religion/Religion |
About the Book
बीते वर्षों के दौरान साम्प्रदायिकता का उभार भारतीय राजनीति में एक बड़े दावेदार के रूप में हुआ है ! सो भी इतने जोर-शोर से कि हमारे संवैधानिक ढाँचे के लिए खतरा बनता दिखाई दे रहा है ! अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श में भी उत्तरोत्तर धार्मिक शब्दावली का प्रयोग ज्यादा दिखने लगा है ! विश्व के भी मानवाधिकार आन्दोलन इसको एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रहे हैं ! इस पुस्तक में शामिल सत्रह मौलिक आलेखों की पृष्ठभूमि यही है जिसमें अमेरिका पर सितम्बर 11 का हमला, अफगानिस्तान और इराक पर अमेरिकी आक्रमण, दुनिया-भर में इस्लाम का शैतानिकरण और भारत के मुंबई व् गुजरात के दंगो को खास तौर पर रेखांकित किया गया है ! ये आलेख बताते हैं कि भीड़ को धर्म के नाम पर भड़काकर वंचित समूहों के भीतर किसी भी विद्रोह की सम्भावना को कैसे असंभव कर दिया जाता है और धर्म-आधारित राजनीति किस तरह आज उदारीकरण, भुमडलीकरण और निजीकरण के साथ गठजोड़ करके चल रही है ! यह पुस्तक मुस्लिम पिछड़ेपन के मिथक, हिन्दुत्व की विभाजनकारी राजनीति को आप्रवासियों की आर्थिक मदद आदि मुददों पर भी तथ्याधारित विचार करती है और अब आदिवासी, दलित और स्त्रियों के साथ अन्य अल्पसंख्यक समूह कैसे उसके निशाने पर आ रहे हैं यह भी बताती है ! हिन्दुत्व पर लगभग हर कोण से विस्तृत परिदृश्य में प्रश्नवाचक समीक्षा करनेवाली यह पुस्तक राजनीति, समाजविज्ञान, इतिहास और धर्म आदि सभी क्षेत्र के अध्येताओं के लिए पठनीय है !