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Jyotirvigyan Sandarbh Samalochanika (Hindi)

Jyotirvigyan Sandarbh Samalochanika (Hindi)

$66.00
Author:Brijesh Kumar Shukla
ISBN 13:9788177023138
Year:2013
Subject:Philosophy and Religion/Astrology

About the Book

'ज्योतिर्विज्ञानसंदर्भसमालोचनिका' नामक पुस्तक में ज्योतिष को एक विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठापित किया गया है। यह ग्रन्थ सप्त समालोचनिकाओं में विभक्त किया गया है। प्रथमा-वेदांगज्योतिषसंदर्भ-समालोचनिका में वेद-वेदांत में प्राप्त ज्योतिष का निरूपण है। वैदिक प्रसंगों के आक्षेप का ज्योतिषीय समाधान भी यहाँ प्रस्तुत किया गया है। द्वितीया- काव्यज्योतिषसंदर्भ समालोचनिका में रामायण, रघुवंश, कुमारसंभव, अभिज्ञानशाकुन्तलम्, नैषधीयचरितम् आदि ग्रंथों में सम्प्राप्त ज्योतिष का तत्तत संदर्भों के द्वारा निरूपण है। ज्योतिष के शोध हेतु यह परमोपादेय है। तृतीया- सिद्धान्तज्यौतिषसंदर्भ समालोचनिका है जिसमें सिद्धान्त ज्योतिष से संबद्ध अनेक विषयों का निदर्शन है। इसमें लाग्रानयन के विषय में महत्वपूर्ण सामग्री अभिन्यस्त है। ६६ अंश अक्षांश से अधिक अक्षांशीय देशों में लग्रानयन विमर्श अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। जिसपर यहाँ प्रकाश डाला गया है। चतुर्थी-वेधयंत्रसंदर्भ समालोचनिका है। इसमें शंकु, याम्योत्तरतुरीय यंत्र, षष्टंशयंत्र, सम्राटयंत्र कर्क राशिवलय तथा मकरराशिवलय आदि यंत्रों के निर्माण की प्रविधि तथा सोदाहरण वेध की प्रक्रिया का समावेश किया गया है। यह लुप्त प्राय भारतीय वेधशालीय ज्ञान हेतु परमोपयोगी है। पंचमी-संहिताज्यौति षसन्दर्भसमालोचनिका में संहिता विषयक सामग्री तथा षष्ठी-होराज्यौतिषसंदर्भसमालोचनिका में श्रीयंत्र (श्रीचक्र) पर आधारित वास्तु प्रकल्प का विषय वर्णित है, जो अध्येताओं के लिए महत्वपूर्ण है।