Raganjli: Prachalit or Aprachalit Raag (Hindi)
$57.00
Author: | Gurbux Singh |
ISBN 13: | 9789332705432 |
Binding: | Hardbound |
Language: | Hindi |
Year: | 2020 |
Subject: | Performing Arts/Music |
About the Book
रागांजलि पुस्तक श्री गुरबख्श सिंह जी के कर्मठ एवं व्यवहारिक कार्य का प्रतिफल है, जो कि उत्तर भारत के ज्ञात एवं अज्ञात रागों का समन्वेषण है। इस पुस्तक में दिशा निर्देशों का संग्रह इतना स्पष्ट/बख़ूबी है, जो कि पाठक/गायक के लिए राग परिचय आसानी से समझने योग्य बनाता है। इस पुस्तक में धार्मिक सन्तों अर्थात भक्त कबीर, नामदेव, रविदास, बाबा .फरीद द्वारा रचित एवं सिक्ख ग्रन्थों से ली हुई रचनाओं को मधुरता से निरूपित की गई बन्दिशों का एक अनूठा संग्रह है। लेखक ने इस पुस्तक में 145 से ज़्यादा रागों में 300 से ज़्यादा बन्दिशों का समायोजन किया है, जो कि शुद्ध एवं जटिल शैली में होने पर भी सरल एवं आसानी से समझने योग्य हैं। लेखक ने इस बात का भी उचित ध्यान दिया है, कि बन्दिशों का चयन उचित एवं उनकी लय ताल एवं भाव के अनुरूप हो। Raganjli is the result of a strenuous and insightful work of Gurbux Singh that explores the known and less known Raags of North Indian Music. This book is a compendium of guidelines that take the reader towards the introduction of the Raags. It contains the hymns of the holy saints like Bhagats Kabir, Namdev, Ravidas, Baba Fareed and the Sikh scriptures put into melodious embodiments. The author has described not less than 145 Raags woven into more than 300 compositions. They are of a pure and intricate style – yet easy and comprehensible. Due attention has been paid that the hymns chosen are adequate and conform to their rhythms and moods respectively.