Vikas ki Chakki Mein Piste Log: Ikkiswi Sadi ke Bharat Mein Jatiya, Janjatiya, aur Vargiya Asamanta (Hindi)
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Author: | Alpa Shah, Jens Lerche, Richard Axelby, Dalel Benbabaali, Brendan Donegan, Jayaseelan Raj and Vikramaditya Thakur |
ISBN 13: | 9780190120405 |
Binding: | Softcover |
Language: | Hindi |
Year: | 2019 |
Subject: | Anthropology and Sociology/Caste, Class and Dalit Studies |
About the Book
विकास की अवधारणा वृद्धि से अलग है. जबकि आर्थिक वृद्धि को ही विकास के रूप में दर्शाया जा रहा है. अपने गहन शोध के जरिए यह पुस्तक भारतीय समाज में बढ़ती असमानताओं का आंकलन और विश्लेषण करती है. यह देश के अलग-अलग हिस्सों में जातियों, जनजातियों और वर्गीय असमानताओं पर किए गए अध्ययन को प्रस्तुत करती है. पुस्तक हमें बताती है कि 21वीं सदी में किस तरह से एक बड़ी आबादी का विकास सिमटता जा रहा है और असमानता की खाईं बढ़ती जा रही है. एक तरफ संपदाओं से भरा देश है, दूसरी तरफ किसानों, मजदूरों और आदिवासियों की तकरीबन 80 करोड़ आबादी दो डॉलर से भी कम आमदनी पर गुजारा कर रही है. पुस्तक इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करती है कि वे जो भारतीय अर्थतंत्र को मजबूत बना रहे हैं आख़िर क्यों आर्थिक तौर पर कमजोर होते जा रहे हैं. साथ ही यह गरीबी और सामाजिक भेदभावों के अंतर्संबंधों पर भी चर्चा करती है. यह पुस्तक उस आर्थिक विकास पर सवाल खड़ा करती है जो बड़ी आबादी में बदहाल बना रहा है. English translation why has India's astonishing economic growth not reached the people at the bottom of its social and economic hierarchy? Travelling the length and breadth of the subcontinent, this book shows how India's 'untouchables' And 'tribal' Fit into the global economy. India's Dalit and adivasi communities make up a staggering one in twenty-five people across the globe and yet they remain amongst the most oppressed. Conceived in dialogue with economists, 'ground down by growth' Reveals the impact of global capitalism on their lives. It shows how capitalism entrenches, rather than erases, social difference and has transformed traditional forms of identity-based discrimination into new mechanisms of exploitation and oppression. Through studies of the working poor, migrant labour, and the conjugated oppression of caste, tribe, region, gender, and class relations, the social inequalities generated by capitalism are exposed.